1 मई को दिल्ली के श्यामा प्रसाद मुखर्जी मार्ग में स्थित दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी में बिहार उद्यमी संघ के द्वारा मजदूर दिवस के उपलक्ष्य में “मजदूर दिवस – मजबूत दिवस” का आयोजन हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के चेयरमैन श्री सुभाष चंद्र काँखेरिया जी ने किया था, जिन्होंने मजदूर दिवस का आयोजन क्यों होता है, इसके शुरुआत होने की कहानी, और इसकी वजह से लोगों पर क्या प्रभाव पर रहा है, इन सबके बारे में बताया ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बिहार उद्यमी संघ (Bihar Entrepreneurs Association) के महासचिव एवं भारतीय उद्यमी संघ (Entrepreneurs Association of India) के अध्यक्ष श्री अभिषेक कुमार, ने बिहार में ग्यारह वर्षों से चले आ रहे विकाश के कार्यों के बारे में विस्तृत रूप से बताया जिसमे सड़क, औद्योगीकरण, शिक्षा, तकनीक, इत्यादि शामिल थे, परंतु उनका मुख्य केंद्र बिन्दु मजदूरों की स्थिति को सुधारने में था, उन्होंने बताया की कैसे मजदूरों की स्थिति कोविड महामारी के पूर्व थी और उस महामारी के बाद कैसी रही । अपने वक्तव्य में उन्होंने स्टार्टअप यात्रा से लेकर बिहार में किसानों को एक मल्टी करोड़ बिजनेस बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई कृषि संवाद – प्रगतिशील किसान से कृषि उद्यमी तक की यात्रा के बारे में बताया । उन्होंने ये भी बताया की आज के समय श्रम संसाधन पर ज्यादा जोर दिया जाता है, और श्रम प्रबंधन पर बहुत ही काम बातें होती है । उन्होंने मजदूरों के विभिन्न प्रकार और उनकी खराब होती परिस्थिति के बारे में भी बात किया था । उन्होंने बोला की विदेशों के तुलना आज भारत के मजदूरों की स्थिति बहुत ही खराब है । आज भारत में मजदूरों के बारे में कोई भी सरकारी डाटा नहीं है, जो भिन्न भिन्न तरीकों से उनकी व्याख्या कर सके, जिसकी वजह से आज उनकी तरक्की के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए जा पा रहे, और उनकी स्थिति में सुधार के लिए ये अत्यंत आवश्यक है की इस विषय पर चर्चा हो ।
कोविड के समय मजदूरों के उत्थान के लिए कई सरकारी योजनाएँ आई थी, जो की बहुत सराहनीय भी रही पर आज जैसे जैसे समाज नॉर्मल होते जा रहा है, वैसे वैसे हम उन योजनाओ को भी भूलते जा रहे हैं ।
श्री अभिषेक कुमार जो अमरीकी, इस्राइल एवं चीन सरकार के फ़ेलो भी है, और इन्हे दो बार अपने यहाँ बुला कर सम्मानित भी कर चुके हैं, उन्होंने ये सुझाव दिया की प्रवासी मजदूरों के स्किल को बढ़ाना आज हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है, साथ साथ हमे सकिलिंग के नवीनतम तकनीकों का लगातार इस्तेमाल करते रहना होगा, और सरकार से भी ये आशा किया की मजदूरों के सम्पूर्ण उत्थान के लिए एक अनुकूल एकोसिस्टम की भी स्थापना करे, जिसमे विदेशी मजदूरों की भी स्थिति के बारे में बताया जाए ।
विश्व बैंक के वरिष्ठ सलाहकार श्री राजेश सिंह ने बताया की मजदूरों को मानवीय पूंजी के रूप में विज़न और मिशन के अंतर्गत काम करते रहना चाहिए । उन्होंने बताया की आज माइग्रैशन एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है, और करीब 50 प्रतिशत लोग माइग्रेसन से प्रभावित हैं । इन सब में सबसे ज्यादा तकलीफ उन परिवार को होती है, जिनके सदस्य कम पढे लिखे होने के बावजूद भी प्रवासी मजदूर बन जाते है । इसके अलावा उन्होंने कई सारी सरकारी योजनाओं के बारे में भी बताया जो मजदूरों के उत्थान के लिए लिए गए हैं ।
भारतीय उद्यमी संघ के निदेशक CA शशि मोहन जी ने लीगल ऐस्पेक्ट के बारे में भी बताया ।
इसके कुछ उद्यमी जिन्हे बिहार उद्यमी संघ के द्वारा विभिन्न सरकारी स्कीम में सहायता प्राप्त हुई हैं, उन्होंने भी अपने अपने उद्यम के बारे में बताया । इन उद्यमीयों में श्री जय कान्त (डायरेक्टर – Comfy footwear), श्री राजेश कुमार (डायरेक्टर – ग्रीन सप्पलाई), श्री राजा कलाम (डायरेक्टर – भारत ई कृषि) , इत्यादि है ।
इस कार्यक्रम के आयोजक दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के डायरेक्टर जनरल डॉ आर० के ० शर्मा, भारतीय उद्यमी संघ के निदेशक श्री मनोज अत्री जी, श्री ओंकार कुमार (फाउन्डर – चिकनवाला), श्री अंकित अभिषेक (डायरेक्टर – पैलीट्रॉनिक्स), श्री जयप्रकाश जी (IAAS), डॉ अशोक सम्राट जी, श्री दानिश इकबाल जी, इत्यादि थे ।
श्री दनिश इकबाल जी ने मंच संचालन किया और ये बताया की मजदूर दिवस का शुरुआत कैसे हुआ था ।
डॉ अशोक सम्राट जी ने मौजूदा अतिथियों का ध्यानवाद ज्ञापन किया और बताया की यह एक शुरुआत है आगे मजदूरों के उत्थान के लिए एक कार्यशाली बना कर उसे सभी लोग मिलकर कार्यान्वित करेंगे और ज्यादा से ज्यादा एजेंसी, लोग, पॉलिसी मैकर, इत्यादि को एक साथ लाया जाएगा ।